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मासूमियत की हिफ़ाज़त के लिए एक वादा – डॉ. वर्णिका शर्मा से मुलाक़ात में जानकी गुप्ता की पुकार


जब किसी मासूम के साथ जुल्म होता है, तो पूरी इंसानियत काँप उठती है। हाल ही में डॉ. वर्णिका शर्मा को बाल संरक्षण आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर जानी-मानी समाजसेविका जानकी गुप्ता ने उनसे मुलाक़ात कर दिल से मुबारकबाद पेश की। मगर ये सिर्फ़ एक मुबारकबाद नहीं थी — ये बच्चों की मासूमियत की हिफ़ाज़त के लिए एक तहे-दिल से की गई गुज़ारिश भी थी।

जानकी गुप्ता की आँखों में उस वक़्त आँसू छलक आए जब उन्होंने दुर्ग की उस दर्दनाक घटना का ज़िक्र किया, जहाँ एक 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी कर उसकी जान ले ली गई। एक ऐसी बच्ची, जो अभी ज़िंदगी के रंगों को पहचान भी नहीं पाई थी, उसे ज़ुल्म की सियाही में डुबो दिया गया।

उन्होंने डॉ. शर्मा से दरख्वास्त की कि इस जघन्य अपराध के गुनहगारों को ऐसी सख़्त सज़ा दिलाई जाए जो आने वाले वक़्त में दूसरों के लिए एक मिसाल बने। उन्होंने कहा, "मासूमों की चीख़ें अब दबी नहीं रहनी चाहिए, उन्हें इंसाफ़ चाहिए, आवाज़ चाहिए और सबसे बढ़कर — एक ऐसा सिस्टम चाहिए जो उनके साथ खड़ा हो।"

डॉ. वर्णिका शर्मा ने दिल से इस दर्द को महसूस किया और भरोसा दिलाया कि हर बच्चे की हिफ़ाज़त अब उनकी पहली ज़िम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा, "मैं वादा करती हूँ कि उस मासूम की रूह को सुकून देने के लिए, और हर बच्चे के भविष्य को महफूज़ बनाने के लिए, हम हर जरूरी क़दम उठाएँगे।"

ये मुलाक़ात एक उम्मीद की किरण थी — एक ऐसा पल जहाँ दर्द, संवेदनशीलता और बदलाव की चाह एक साथ सामने आई।

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