धमतरी शहर से बिल्कुल सटा मरादेव इलाका इस वक़्त तेंदुए की आमद से कांप रहा है। कुछ दिन पहले कांकेर के दूधावा में पिंजरे में क़ैद किया गया वही खूंखार तेंदुआ, जिसे 12 जून को गरियाबंद के USTR जंगल में छोड़ा गया था, अब फिर आबादी के पास मरादेव के जंगल में देखे जाने से इलाके में खौफ़ का माहौल बन गया है।
शिकारी की वापसी: सियार को बनाया शिकार, इंसानों पर ख़तरा बरक़रार
मरादेव और गंगरेल के बीच सटे जंगल में बीती रात तेंदुए ने एक सियार का शिकार किया, जिसके बाद वन विभाग अलर्ट हो गया। धमतरी शहर की सीमा से महज़ 3–4 किमी दूर इस लोकेशन पर तेंदुए की मौजूदगी ने ग्रामीणों के साथ‐साथ शहरवासियों को भी चिंता में डाल दिया है।
वो ही है – ‘दूधावा वाला तेंदुआ’
- ये वही आदमख़ोर तेंदुआ है जो दूधावा क्षेत्र में 6 ग्रामीणों पर हमला कर चुका है, जिसमें एक 3 साल की मासूम बच्ची की जान भी चली गई थी।
- पकड़े जाने के बाद इसे 12 जून को गरियाबंद के जंगल में शिफ्ट किया गया, लेकिन अब वह वापस आबादी के पास दिखने लगा है।
खतरा अब पर्यटकों पर भी मंडरा रहा
- गंगरेल बाँध, जो छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित पर्यटन स्थलों में गिना जाता है, अब इस तेंदुए के मूवमेंट से जोखिम के घेरे में आ गया है।
- हर वीकएंड सैकड़ों सैलानी यहाँ नौकायन, डैम-व्यू और पिकनिक के लिए आते हैं। ऐसे में विभाग को पर्यटकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी पड़ रही है।
वन विभाग ने जारी किया अलर्ट
- धमतरी शहर, मरादेव, और गंगरेल क्षेत्र को मिलाकर अब ‘ऑरेंज जोन’ घोषित किया गया है।
- विभाग ने 2 पिंजरे, ट्रैंक्विलाइज़र गन, और नाइट विजन कैमरे तैनात किए हैं।
- लोगों से अपील की गई है कि सुबह‐शाम अकेले जंगल या खेतों की ओर न जाएं। मवेशियों को भी घर के पास ही बांधें।
सतर्कता ही सुरक्षा
“हम लगातार निगरानी कर रहे हैं। यदि तेंदुआ फिर से आबादी के पास सक्रिय होता है, तो उसे पकड़कर स्थायी शिफ़्टिंग की जाएगी।”
— वन परिक्षेत्र अधिकारी, धमतरी