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"अब नहीं बिकेगा ज़हर! बगदेही में महिला कमांडो की एंट्री से कांप उठे शराब माफिया!"

धमतरी ज़िले के ग्राम बगदेही में एक ऐसी क्रांति की शुरुआत हो चुकी है, जिसने शराब माफियाओं की नींद उड़ा दी है। अब नशे के सौदागरों के लिए बगदेही में कोई जगह नहीं बची—क्योंकि यहां उतर चुकी हैं ‘महिला कमांडो’ की बहादुर टोली, जो हर गली, हर कोने पर नज़र रख रही हैं।

10 जून 2025 से गांव में ‘नशे के खिलाफ जनयुद्ध’ छेड़ा गया है। गांव की सशक्त महिलाओं ने अब मोर्चा संभाल लिया है और ठान लिया है—या तो शराब जाएगी, या हम चैन से जीने नहीं देंगे!

कमांडो फ़ोर्स की अगुवाई में नशे के अड्डों की तलाश

इस ऐतिहासिक मुहिम की कप्तान हैं गणिता विश्वकर्मा, साथ में उपाध्यक्ष सतरूपा विश्वकर्मा और हेमीन बाई यादव
यह टीम सरपंच अनसुईया बाई ध्रुव, उपसरपंच संगीता यादव और मीडिया प्रभारी करुणा दानी के मार्गदर्शन में बनाई गई है।
ये महिलाएं अब घर-घर दस्तक देकर शराबियों और बिकवालों की लिस्ट बना रही हैं—और समाजिक बहिष्कार के ज़रिए उन्हें रोकने की तैयारी भी।

"शराब नहीं, सम्मान चाहिए!" – महिलाओं की हुंकार

सरपंच अनसुईया ध्रुव ने बताया कि गांव में शराब के कारण घरों में झगड़े, मारपीट और बच्चों पर मानसिक असर लगातार बढ़ रहा था।

"अब और नहीं! हमने नशे को जड़ से उखाड़ने की कसम खा ली है,"
कहा महिलाओं ने।

गांव की मितानिनें, सलाहकार उत्तम मंडावी, सचिव विष्णु विश्वकर्मा, कोषाध्यक्ष चोवाराम साहू, और अन्य पदाधिकारी भी इस मुहिम में कंधे से कंधा मिला रहे हैं।

पुलिस भी मैदान में उतरी

कुरूद थाना प्रभारी राजेश जगत ने कहा—

"महिलाओं की यह पहल अनुकरणीय है, हम पेट्रोलिंग के ज़रिए इन्हें हरसंभव सहयोग देंगे।"

बगदेही ने दिखाई राह, अब आस-पास के गांव भी जागेंगे!

यह मुहिम अब सिर्फ़ बगदेही तक सीमित नहीं रहने वाली। नारी शक्ति का यह संगठित रूप आस-पास के गांवों को भी प्रेरित करेगा।
अब बगदेही बनेगा –
नशामुक्त
विवादमुक्त
और आत्मसम्मान से भरा नया गांव!


"जहाँ औरतें चुप नहीं, वहाँ नशा पनप नहीं सकता!"
बगदेही की ये आग अब बुझने वाली नहीं... ये सिर्फ़ शुरुआत है!

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