रायपुर, 12 अक्टूबर 2025:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में स्पष्ट किया कि जनहित के काम में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी...
बैठक 9 घंटे तक चली, जिसमें सुशासन, पारदर्शिता और योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन हुआ।
धान खरीदी में सख्त
- धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू।
- सभी केंद्रों की मॉनिटरिंग और प्रभारी सचिवों की विशेष निगरानी।
- इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से तत्काल कार्रवाई।
- अंतरराज्यीय सीमाओं पर खास सतर्कता।
- विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 100% पंजीयन शिविर।
स्वास्थ्य और मलेरिया अभियान
- शत-प्रतिशत प्रसव और टीकाकरण की फील्ड वेरिफिकेशन।
- मेटरनल डेथ ऑडिट अनिवार्य।
- एनआरसी और वेलनेस सेंटर सक्रिय, गैर-संचारी रोग जागरूकता।
- बस्तर में मलेरिया हॉटस्पॉट पर विशेष अभियान।
शिक्षा में सुधार
- ड्रॉपआउट शून्य, सकल नामांकन 100%।
- शिक्षण सामग्री कक्षा में हो, अलमारी में नहीं।
- बीजापुर में गोंडी भाषा में शिक्षा सफल, अन्य जिलों को अपनाने की सलाह।
- 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID।
- मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान — सामाजिक अंकेक्षण और ग्रेडिंग।
कौशल विकास और रोजगार
- राज्य स्तरीय रोजगार मेले।
- प्रशिक्षण और स्किल गैप एनालिसिस के अनुसार रोजगार।
- स्वरोजगार और लोन मेले के जरिए युवाओं को रोजगार।
ई-सेवाएं और लोक सेवा गारंटी
- जन्म प्रमाणपत्र तुरंत, अन्य सेवाएं समय पर डिजिटल।
- लंबित आवेदनों की नियमित समीक्षा, अधिक सेवाओं को ऑनलाइन जोड़ा जाए।
नगरीय प्रशासन और स्वच्छता
- सुबह 7 बजे से पहले वार्ड निरीक्षण अनिवार्य।
- सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं में फील्ड मॉनिटरिंग।
- “मोर गांव मोर पानी अभियान” — 1.5 लाख से अधिक आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग।
प्रधानमंत्री आवास और आदिवासी विकास
- पीएम आवास योजना 1.0 के शेष मकानों का निर्माण 31 दिसंबर तक।
- धरती आबा अभियान — आदिवासी क्षेत्रों में 17 विभागों का समन्वय।
- आदि कर्मयोगी अभियान में छत्तीसगढ़ देश में पहला स्थान।
किसान सम्मान निधि और वय वंदना योजना
- एक भी पात्र किसान वंचित न रहे।
- सभी वृद्धजनों का पंजीयन और कार्ड निर्माण प्राथमिकता से।
सख्ती और जवाबदेही
- धान खरीदी, रेत उत्खनन और अन्य अनियमितताओं पर जीरो टॉलरेंस।
- सभी भुगतान समय-सीमा में अनिवार्य।
- बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली सभी कार्यालयों में जल्द लागू।
मुख्यमंत्री का संदेश:
जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें, उनकी बातों को गंभीरता से सुनें... प्रशासन केवल योजनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि संवेदनशीलता, संवाद और जवाबदेही का नाम है... यही सुशासन की पहचान है।




