जहाँ ‘शिक्षा’ को पूजा जाना चाहिए, वहीं अब उसी मंदिर में ‘सौदेबाज़ी’ की घंटियाँ बज रही हैं...!
धमतरी ज़िले से एक सनसनीखेज़ मामला सामने आया है जिसने शिक्षण तंत्र की सच्चाई पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार —
पहले कुछ शिक्षकों के ख़िलाफ़ शिकायतें दर्ज कराई जाती हैं, फिर ‘जांच समिति’ बनाई जाती है...... जांच के बाद उन्हें ‘दोषी’ करार देकर सस्पेंड कर दिया जाता है....... लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती...
असल खेल तो इसके बाद शुरू होता है!
बताया जा रहा है कि कुछ समय बाद उन्हीं शिक्षकों तक एक ख़ास दूत पहुँचता है — जो खुद को ऊपर वालों का आदमी बताकर मामला निपटाने का ऑफर देता है..... मोटी रकम की बात होती है, लेन-देन होता है और देखते ही देखते सस्पेंड शिक्षक फिर से बहाल हो जाते हैं!
नाम न छापने की शर्त पर कई पीड़ित शिक्षकों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा —
हम न्याय की उम्मीद में चुप हैं... लेकिन ये जो सिस्टम चल रहा है, उसने हमें तोड़ दिया है।
अब बड़ा सवाल —
क्या प्रशासन इस “सिस्टम के सौदागरों” पर कार्रवाई करेगा?
क्या कभी इस साजिश की जांच की फाइलें सच में खुलेंगी या फिर ये मामला भी कुछ दिनों में धूल खा जाएगा ?
धमतरी के शिक्षा तंत्र में मची हलचल — पर सवाल अब भी वही:
क्या शिक्षा का मंदिर अब सौदे की मंडी बन चुका है...?





