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"धमतरी में बना एक ऐसा संगठन, जो रिटायर्ड होने के बाद भी बैंक की तरक्की में निभाएगा अहम भूमिका!"

धमतरी, 31 मई:

एक ऐतिहासिक पल ने जन्म लिया जब छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के रिटायर्ड अफसरों और कर्मचारियों ने धमतरी में एक साथ मिलकर "छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक रिटायरीज एसोसिएशन" की धमतरी यूनिट का गठन किया। ये महज़ एक संगठन नहीं, बल्कि उन लोगों की आवाज़ है, जो रिटायरमेंट के बाद भी बैंक की तरक्की में खुद को जिम्मेदार समझते हैं।

बैठक में सुभाष गुप्ता को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया, जबकि अवध राम साहू को सचिव और सनत कोसरिया को कोषाध्यक्ष की ज़िम्मेदारी दी गई। रमेश कुमार साहू उपाध्यक्ष और नारायण राम नेताम उपसचिव बने। कार्यकारिणी में कार्तिक राम रामटेके और नितिन राठौड़ सदस्य चुने गए और के एल सोनी को प्रचार मंत्री का पद मिला।

इस गठन कार्यक्रम में रायपुर से आए प्रदेश अध्यक्ष पी. के. राघव, कोषाध्यक्ष आर. एस. ठाकुर, वरिष्ठ सदस्य सुनील गुप्ता, उत्तम धर और संरक्षक एस. पी. दास की मौजूदगी ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में पी. के. राघव ने अपने जोशीले भाषण में बताया कि किस तरह नेशनल फेडरेशन रीजनल रूरल बैंक रिटायरीज एसोसिएशन (NFRRRBS) ने पेंशन और कंप्यूटर इंक्रीमेंट जैसे मामलों में लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट तक जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि सरकार के जारी किए गए अधूरे आदेशों को संगठन ने चुनौती दी और अवमानना याचिका दायर करवा कर सभी रिटायर्ड कर्मियों को उनका वाजिब हक दिलवाया।

एस. पी. दास ने संगठन की अब तक की उपलब्धियों और विभिन्न गतिविधियों का विस्तार से ज़िक्र किया। वहीं, आर. एस. ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र प्रबंधक हरविंदर सिंह से औपचारिक भेंट कर भरोसा दिलाया कि रिटायर्ड कर्मचारी अब भी बैंक के मिशन में सहभागी रहेंगे। चाहे वो नए ग्राहकों को जोड़ना हो, हाउसिंग लोन के बारे में जागरूकता फैलाना हो या जमा राशि बढ़ाना — वे हर मोर्चे पर बैंक के साथ खड़े रहेंगे।

हरविंदर सिंह ने जानकारी दी कि बैंक ने इस वर्ष रिटायर्ड कर्मचारियों को लंबित पेंशन राशि देने के बावजूद ₹152 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया है। उन्होंने बताया कि बैंक की सभी शाखाएं अब बेहतर सुविधाओं से लैस हैं और यह संस्था लगातार आगे बढ़ रही है।

अंत में सनातन रामनाथ ने उम्मीद जताई कि बैंक का यह कारवां यूं ही आगे बढ़ता रहेगा और किसानों व आम जनता की सेवा में हमेशा तत्पर रहेगा।

यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक संदेश था — "रिटायरमेंट का मतलब आराम नहीं, नई ज़िम्मेदारियों की शुरुआत है!"

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