सिहावा/नगरी (छत्तीसगढ़):
रानीगांव की गलियों में अभी तक उस मासूम की हँसी गूंज रही थी… आंखों में सपने थे, नन्हे हाथों में खिलौने… मगर किस्मत ने ऐसा मोड़ लिया कि वो हँसी अब कभी सुनाई नहीं देगी। रेखराज निषाद की डेढ़ साल की बेटी भूमि निषाद खेलते-खेलते एक पुराने कुएं में गिर गई, और देखते ही देखते मौत के आगोश में समा गई।
घटना सिहावा थाना क्षेत्र के रानीगांव की है। शनिवार की दोपहर मासूम भूमि अपने घर के पीछे स्थित बाड़ी में पड़ोस की एक बच्ची के साथ खेल रही थी। खेल में मस्त दोनों बच्चियाँ बेख़बर थीं, नन्हे क़दमों से आगे बढ़ती भूमि कब उस पुराने, खुले कुएं के पास पहुँच गई, किसी को खबर ही नहीं हुई।
पलक झपकते ही उसका पैर फिसला, और वह चार फीट गहरे पानी वाले कुएं में गिर गई। कुएं के भीतर भरे पानी ने पल में उसकी सांसें छीन लीं। जब तक परिजन उसे तलाशते हुए वहाँ पहुँचे, तब तक भूमि पानी पीकर बेहोश हो चुकी थी।
चीख-पुकार मची, गांव के लोग दौड़े आए, बच्ची को बाहर निकाला गया — लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार पर मानो आसमान टूट पड़ा। माँ बेसुध, पिता ग़म में डूबा, और गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया।
सिहावा पुलिस मौके पर पहुँची और बच्ची के शव को नगरी अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हादसे की जांच की जा रही है।
"मासूम भूमि अभी ठीक से बोल भी नहीं पाती थी, माँ की गोद में झूलती थी, खिलौनों से खेलती थी — लेकिन अब वो मिट्टी में मिल चुकी है।"
यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए अलार्म है — असुरक्षित कुएं, खुले जल स्रोत और लापरवाही मिलकर नन्ही ज़िंदगियों को लील रहे हैं।
"उसकी आँखों में अपने लोग थे, वो खेल रही थी… पर किस्मत में लिखा था कि आज वो सबसे बिछड़ जाएगी।"
ईश्वर मासूम भूमि को अपने चरणों में स्थान दे और परिवार को यह असहनीय दुःख सहने की शक्ति दे।
आमजन से अपील है कि खुले कुएं और जल स्रोतों को सुरक्षित ढंग से ढका जाए — ताकि फिर कोई मासूम भूमि वक़्त से पहले मौत का शिकार न बने।




