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हमें तंगी नहीं, तरक्की चाहिए...! हटकेशर की अवाम की ललकार – नालंदा परिसर रोकने वालों से निपटने अब जागे लोग" 🧱📚

 

विकास की रफ्तार से अब तक अछूते रहे हटकेशर वार्ड के बाशिंदों ने अब खामोशी तोड़ दी है। करीब 150 परिवारों के दस्तख्त के साथ एक मार्मिक ज्ञापन सोमवार को जिलाधीश और महापौर को सौंपा गया जिसमें ‘नालंदा परिसर’ को लेकर चल रही भ्रामक राजनीति पर सीधा हमला किया गया है।

ज्ञापन में लिखा है –

 हमें तंगी नहीं, तरक्की चाहिए...! हमें तकरार नहीं, तालीम चाहिए...! यह इमारत नहीं, हमारे बच्चों का भविष्य है।

यह वही नालंदा परिसर है, जिसकी नींव से हटकेशर वार्ड में नशे की गिरफ्त में जाती पीढ़ी को नई राह मिलने की उम्मीद बंधी है। लेकिन कुछ विकास विरोधी तत्व, राजनैतिक फायदे और सस्ती लोकप्रियता के लिए इस योजना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।

ज्ञापन में लिखा है –

हटकेशर वार्ड अब बदलाव की दहलीज़ पर खड़ा है। यह नालंदा भवन एक क्रांति का आग़ाज़ है। इसे रोकने का मतलब है फिर से अंधेरे की तरफ धकेलना।

  वार्डवासियों ने  – कहा, अब चुप नहीं रहेंगे!

हमें सड़कों पर कीचड़ नहीं, ज्ञान का उजाला चाहिए।
हमें नशे के अड्डे नहीं, पुस्तकालय चाहिए।

 ज्ञापन देने वालों में पार्षद सूरज गहरवाल, पार्षद उमा भागीरथी ध्रुव, हेमंत भांडे, महेन्द्र रावटे, गोलू पटेल, राजा श्रीवास, रोशन साहू, प्रेमलाल ध्रुव, भोजराज मारकंडे, और प्रवीण दुबे जैसे कई जिम्मेदार नागरिक मौजूद थे

 वार्ड की हकीकत – पिछड़ापन, नशे का जाल और उजाले की उम्मीद

ज्ञापन में यह भी ज़िक्र किया गया –
हटकेशर वार्ड वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहा है। न युवाओं के लिए स्किल सेंटर है, न बच्चों के लिए पढ़ाई की उपयुक्त जगह। ऐसे में नालंदा परिसर बनने से न सिर्फ़ शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में सफाई, रोजगार और व्यापार का भी विस्तार होगा।

  महापौर रामू रोहरा को धन्यवाद – “आपकी सोच से आया बदलाव का मौक़ा”

ज्ञापन में महापौर रामू रोहरा जी को इस ऐतिहासिक पहल के लिए धन्यवाद दिया गया है और उनसे आग्रह किया गया कि

इस दूरदर्शी योजना को किसी भी झूठी, बेबुनियाद शिकायत के झांसे में आकर न रोका जाए। हमें विश्वास है, आप हटकेशर को आगे ले जाएंगे।


हटकेशर की जनता ने फैसला कर लिया है – अब पीछे हटना नहीं, बस आगे बढ़ना है!

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