विशेष रिपोर्ट | 5 अगस्त 2025
5 अगस्त — एक तारीख़ जो अब सिर्फ कैलेंडर का दिन नहीं रही। ये तारीख़ अब देश की बड़ी और ऐतिहासिक फ़ैसलों की पहचान बन चुकी है।
इसी दिन हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक की गूंज, इसी तारीख़ को धारा 370 का सफ़ाया हुआ और राम मंदिर पर फैसला भी इसी दिन आया था।
अब फिर से 5 अगस्त आ रहा है...
और पूरे मुल्क में एक बेचैनी सी है, एक सन्नाटा है —
जैसे कोई ख़ामोशी में छुपा तूफ़ान आने वाला हो।
कहीं फिर कोई बड़ा एलान...?
या फिर कोई नई स्कीम, नया क़ानून...?
सरहद पर सन्नाटा है,
सियासत में सरगोशियाँ हैं,
और सोशल मीडिया पर जुस्तजू है —
आख़िर क्या होने वाला है...?
देश की फिज़ा में एक सवाल तैर रहा है —
क्या फिर कुछ बड़ा होने वाला है...?
पिछले अनुभवों को देखते हुए जनता, जानकार और पत्रकार सभी इस तारीख़ को लेकर सजग हैं।
सरकारी हलकों में हलचल है, सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है, और ज़हन में सिर्फ एक सवाल —
क्या तारीख़ खुद को दोहराएगी या फिर इस बार लिखेगी कोई नई दास्तान?
नज़र रखिए...
कल की सुबह सिर्फ एक नया दिन नहीं होगी —
शायद नई कहानी की शुरुआत भी हो।




