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बंधक बने युवकों की घर वापसी : महापौर बने मसीहा, परिवारों में लौटी खुशियाँ

 


एक दिल दहला देने वाली कहानी ने पूरे शहर को हिला दिया। सोरिद वार्ड के गोकनाथ, जगन्नाथ सहित पाँच युवक, जिन्हें काम के बहाने रायपुर ले जाने का झाँसा दिया गया था, दरअसल गुजरात पहुँचा दिए गए.... वहाँ उनकी दुनिया बदल गई — मोबाइल छीन लिए गए, बेरहमी से मारपीट हुई, और बंधक बनाकर अमानवीय अत्याचार किया गया.... घर वालों के लिए यह इंतज़ार किसी क़यामत से कम नहीं था..... बार-बार फोन मिलाने पर मोबाइल स्विच ऑफ़ बताता, और दिल में डर व बेचैनी बढ़ती जाती.... पुलिस में गुहार भी बेअसर रही..... हालात जब और बिगड़ गए तो परिजन रोते-बिलखते नगर निगम महापौर रामू रोहरा के दरवाज़े पहुँचे।

यहीं से कहानी में मोड़ आया।
महापौर ने बिना देर किए तुरंत फ़ोन घुमाया और लगातार प्रयासों के बाद उन बंधक बने युवकों की सुरक्षित घर वापसी करवाई..... घर लौटते ही परिवारों की आँखों से आँसू छलक पड़े, पूरे वार्ड में जैसे दीवाली मन गई। हर तरफ़ सुकून और शुक़्राना का माहौल छा गया..... युवकों ने बताया कि उन्हें एक शख्स बहला-फुसलाकर गुजरात की एक टाइल्स फैक्ट्री में ले गया था.... वहाँ उन्हें मोबाइल छीनकर कैद कर दिया गया, मारपीट की गई और घर आने की बात पर धमकाया भी जाता रहा।

महापौर ने कहा दोषियों पर होगी कारवाई  —
 गुजरात में युवकों को प्रताड़ित करने वालों पर सख़्त कार्रवाई होगी।
  धोखे से ले जाने वाले शख़्स पर भी कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

 परिजन भावुक - कहा —
 हमारे बच्चे ज़िंदा लौटे हैं तो सिर्फ़ महापौर रामू रोहरा की वजह से… वरना पता नहीं क्या होता।


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