Breaking News

"घने जंगल में इश्क़ की आख़िरी सांस — खुदकुशी या कोई गहरा राज़ ?"

धमतरी ज़िले के सिहावा थाना क्षेत्र के टांगापानी गांव के घने जंगलों से एक सनसनीख़ेज़ और दिल को हिला देने वाली ख़बर सामने आई है। जंगल के सन्नाटे में छुपा एक राज़ तब उजागर हुआ जब एक ग्रामीण की नज़र एक पेड़ पर लटके दो जिस्मों पर पड़ी। एक युवक और एक युवती की लाश दुपट्टे से फांसी के फंदे में झूलती हुई मिली।

बताया जा रहा है कि ये वाक़िया चार से पाँच दिन पुराना हो सकता है। शवों की हालत बेहद खराब है और अब तक उनकी पहचान नहीं हो पाई है। जिस तरह से दोनों एक साथ एक ही पेड़ से लटके पाए गए हैं, उसे देखकर ये मामला पहली नज़र में आत्महत्या जैसा लग रहा है — लेकिन क्या वाक़ई ऐसा है?

सूचना मिलते ही हड़कंप
ग्रामीण की सूचना पर सिहावा थाना प्रभारी लेखराम ठाकुर अपनी पुलिस टीम और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ मौक़े पर पहुंचे। चारों ओर पेड़ों के साए में पसरा हुआ सन्नाटा, और बीच में मौत का मंजर — हर किसी के रूह काँप उठी।

पुलिस ने मौक़े पर सबूत इकट्ठा किए हैं और मामले की तह तक पहुँचने के लिए हर एंगल से जांच शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम भी बारीकी से हर सुराग खंगाल रही है।

मोहब्बत की मारी कहानी या कोई चाल?
पुलिस को शक है कि यह मामला प्रेम संबंधों से जुड़ा हो सकता है। मुमकिन है कि समाज की बंदिशों या घरवालों की नाराज़गी से परेशान होकर दोनों ने ये ख़ौफ़नाक कदम उठाया हो। लेकिन सवाल अब भी कई हैं — अगर ये मोहब्बत थी तो इतनी ख़ामोशी से क्यों ख़त्म हुई? और अगर ये साज़िश थी तो किसने रची?

शिनाख्त की कोशिशें जारी
फिलहाल शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और आसपास के गांवों में गुमशुदगी की रिपोर्टों से मेल बैठाया जा रहा है। दोनों की पहचान होते ही शायद इस रहस्य से पर्दा उठेगा।

यह वाक़िया एक बार फिर समाज, रिश्तों और प्रेम की सीमाओं पर सवाल खड़े करता है। क्या सचमुच इश्क़ की राह में सिर्फ मौत ही बचती है?



Show comments
Hide comments
Cancel