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विकास का रोडा — शहर हित में साज़िश और भ्रष्टाचार का खेल! एम.आई.सी. सदस्य का विघ्नसंतोषी किरदार — ब्लैकमेलिंग, कमीशनखोरी और जुमलेबाज़ी का नया चेहरा

वार्ड की गलियों में जब बच्चे प्यास से बिलबिलाएँ, बुज़ुर्ग टूटी सड़कों पर गिरते-पड़ते चलें, और गंदगी से बदबू मारती नालियाँ रोज़ाना ज़िंदगी का इम्तिहान बन जाएँ… तब जनता उम्मीद करती है कि उसका चुना हुआ प्रतिनिधि इन समस्याओं से राहत दिलाएगा.... लेकिन यहाँ तस्वीर ठीक उलट है.... जनता का सहारा बनने वाला नेता अब खुद ही रोड़ा बन चुका है..... विकास कार्यों को रोकना, अफसरों पर दबाव डालना और योजनाओं में ब्लैकमेलिंग का खेल खेलना… यही उसकी पहचान बन गई है..... इतना ही नहीं, सत्ता परिवर्तन के बाद जिस भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को मिटाने के नारे लगाए गए थे, वही आज जुमलेबाज़ी और फोटोबाज़ी तक सिमटकर रह गए हैं।


 सत्ता परिवर्तन, लेकिन भ्रष्टाचार वही

  • भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी पर रोक लगाने के वादे,
  • सत्ता में आते ही नारे तक सीमित,
  • योजनाओं में लाखों का वारा-न्यारा

 कचरा निष्पादन में करोड़ों का घोटाला,
 जिम सामग्री की ख़रीद पर मुंह पर ताला


 डस्टबिन का घोटाला — जनता मांग रही जवाब

  • 32 रुपये का डस्टबिन खरीदा गया 237 रुपये में!
  • प्रतिनिधि की चुप्पी जनता को खटक रही है।
  • सवाल साफ़ : ये फ़र्क़ किसकी जेब में गया?

 वार्ड की हालत बदतर — जनता बेबस

  • पानी की किल्लत,
  • गंदगी और नालों से फैली बीमारी,
  • टूटी सड़कें — बुज़ुर्ग और बच्चे परेशान।

  इस सबके बीच प्रतिनिधि व्यस्त हैं सिर्फ़ सियासी चालों और उगाही में।


 उगाही का पुराना खेल — नया रूप

  • पहले सूचना के अधिकार (RTI) से उगाही,
  • अब विकास कार्यों को रोकने का नया हथकंडा,
  • अफसरों पर दबाव, और हर काम में रुकावट।

 खाऊँगा न खाने दूँगा की तिलमिलाहट

  निगम के भीतर भी हलचल।

  • हर योजना पर सवाल,
  • हर काम में अड़ंगा,
  • शहर हित से ज़्यादा निजी फ़ायदा

  साफ़ है, ये खेल सिर्फ़ ब्लैकमेलिंग और कमीशनखोरी का।


 पार्टी दफ़्तर की प्रेस कॉन्फ़्रेंस — गठबंधन और पूर्णविराम

  • जनता के सवाल गायब,
  • गठबंधन की कहानियाँ और प्रेस कॉन्फ़्रेंस का दिखावा,
  • फोटोबाज़ी और जुमलेबाज़ी से जनता गुमराह।

 जनता का सब्र टूटा — सस्पेंस गहराया

अब आवाम के सामने है बड़े सवाल :

  • कब खत्म होगा कचरा निष्पादन का घोटाला?
  • कब सुधरेंगे खुद के वार्ड के सड़क, पानी और नाली के हालात?
  • कब मिलेगा भ्रष्टाचार से निज़ात?

 सस्पेंस यही — क्या वार्ड की तरक़्क़ी इन ब्लैकमेलिंग और घोटालेबाज़ी की दीवारों से टकराकर थम जाएगी,

या फिर जनता की आवाज़ इन विघ्नसंतोषी चेहरों को गिराकर नया रास्ता खोलेगी?



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