कुरूद से दीपक साहू की रिपोर्ट
गाँव और शहर की तरक़्क़ी का पहला ज़रिया सड़क होती है....... सरकार कागज़ों पर चमचमाती सड़कों के दावे करती है, लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही है..... धमतरी ज़िले के कुरूद ब्लॉक की कन्हारपुरी-भुसरेंगा से बगदेही, भेंडरवानी और देवरी तक जाने वाली सड़क मरम्मत के अभाव में मौत का सफ़र बन चुकी है...... अब हालात इतने बदतर हो गए हैं कि वाहन चलाना तो दूर, आम आदमी का पैदल चलना भी नामुमकिन हो गया है..... जगह-जगह बने गहरे गड्ढे आए दिन हादसों को न्यौता दे रहे हैं...... लोग मजबूरी में इन गड्ढों और दलदल से गुज़रते हैं और हुकूमत की बेरुख़ी को कोसते हैं।
पीएम ग्राम सड़क योजना का सच
वर्ष 2018-19 में 509.76 लाख की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी इस 9.85 किलोमीटर लंबी सड़क पर अब सिर्फ़ गड्ढे ही गड्ढे हैं...... डामर उखड़ चुका है, बारिश होते ही सड़क दलदल में बदल जाती है..... हाल यह है कि मरीजों को अस्पताल तक ले जाना तक दुश्वार हो गया है।
सब्र टूट रहा, ग़ुस्सा उबल रहा
ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन का ध्यान खींचने की कोशिश की, लेकिन अफसर अब भी खामोशी की चादर ओढ़े बैठे हैं..... लोग अब सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं अगर जल्द सड़क की मरम्मत नहीं हुई तो वे चक्का जाम और बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
सवाल सत्ता से ?
नोकीले पत्थर और गहरे गड्ढे हर दिन किसी की ज़िंदगी छीनने को तैयार हैं, मगर विभाग बेख़बर है..... सवाल यह है जब जनता की जान दांव पर लगी है तो अफसर और हुकूमत अब तक खामोश क्यों हैं?




