जब जनता खुद कानून संभालने लगे... तो समझिए कहीं न कहीं वर्दी ने अपना वज़न खो दिया है।
ऐसा ही मंजर दिखा धमतरी ज़िले के ग्राम सलोनी में, जहां ग्रामीणों ने अवैध शराब पकड़कर खुद ही पुलिस को खबर दी — मगर, थाना प्रभारी साहब पहुँचे... ढाई घंटे की देरी से!
दूरी मात्र 10 किलोमीटर... पर इंतज़ार लंबा और सब्र कम। नतीजा — जनता में ग़ुस्सा, अफसरों में आक्रोश..... मामले की जानकारी मिलते ही एसडीओपी विपिन रंगारी सिहावा से दौड़ते हुए पहले ही मौके पर पहुँच गए थे, जबकि केरेगांव थाना प्रभारी निरीक्षक टुमनलाल डडसेना ने देरी का कारण व्यक्तिगत कार्य से जिले से बाहर होना बताया — वो भी बिना किसी सूचना या अनुमति के!
सूत्रों के मुताबिक़, पिछले आठ महीनों से उन्हें कई बार जुआ, अवैध शराब और सूखे नशे पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन नतीजा सिफ़र रहा.... इन सभी तथ्यों को गंभीर मानते हुए पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने निरीक्षक डडसेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है...…. अब वे रक्षित केंद्र धमतरी में सम्बद्ध रहेंगे और नियमानुसार निर्वाह भत्ता प्राप्त करेंगे।
कर्तव्य में ढिलाई, वर्दी पर दाग है... और इस दाग को बख्शा नहीं जाएगा।






