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"कहीं बहुत देर न हो जाए...! करोड़ों की जल योजना में बिछा है घोटालों का जाल, अब सच्चाई के सामने आने का वक्त करीब!"

धमतरी।

हर घर में साफ पानी पहुंचाने के लिए शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना अब खुद सवालों के घेरे में है। करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी न पानी मिला, न भरोसा बचा। अब जब शिकायतों का अंबार बढ़ता गया, तो आखिरकार केंद्र सरकार को हकीकत की ज़मीन पर उतरना पड़ा है।

75 सचिव, 107 डायरेक्टर और 183 योजनाएं – अब कोई भी बच नहीं पाएगा!
केंद्र सरकार ने इस मिशन की सच्चाई को सामने लाने के लिए 100 विशेष टीमों का गठन किया है। सचिव स्तर के अधिकारी और डायरेक्टर्स देश के 135 जिलों में पहुँचकर 183 परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन करेंगे – जिनमें धमतरी जिला भी शामिल है।

जमीनी हकीकत हैरान कर देने वाली है
टेंडर में लिखी शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। पाइपलाइन डालने के बाद जिस मिट्टी और रेत से सुरक्षा दी जानी थी, वह गायब है। कई गाँवों में सीसी रोड तोड़कर छोड़ा गया, लेकिन मरम्मत नहीं हुई।

कुछ जगह टंकियां चालू होने से पहले ही लीक हो गईं। और सबसे चौंकाने वाली बात – कहीं बिना पाइप बिछाए ही बिलिंग कर दी गई, तो कहीं काम बढ़ाकर फर्जी बिल बना दिए गए।

RTI में मिल चुके हैं पक्के सबूत
गाँव के लोगों और जनप्रतिनिधियों ने RTI के तहत कई दस्तावेज, फोटोज और शिकायतें पहले ही जुटा ली हैं। अब ये सबूत केंद्रीय टीम के सामने रखे जाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार कुछ बड़े अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होना तय है।

विधानसभा में गूंज चुकी है आवाज़, लेकिन कार्रवाई अब तक सन्नाटा
इस घोटाले की गूंज विधानसभा तक पहुंची, लेकिन वहां से भी जवाब में सिर्फ़ खामोशी मिली। अब उम्मीद है कि केंद्रीय टीम की जांच से सच्चाई बाहर आएगी।

जनता पूछ रही है – आखिर किसका होगा पर्दाफाश?
भाजपा नेता दयाराम साहू ने आरोप लगाया कि उनके गाँव में 80 लाख का काम सिर्फ़ कागज़ों पर है। जनपद सदस्य गीतेश्वरी साहू और नगर निगम के एमआईसी सदस्य पिंटू यादव ने भी इस पूरे मिशन में सिंडिकेट के ज़रिए लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

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