पानी नहीं, भ्रष्टाचार की गंगा बहाई गई!
करोड़ों का बजट… मगर गांवों में नल से नहीं टपका एक कतरा भी!
पानी टंकियां बनीं शो-पीस, पाईपलाइनें बिछीं सिर्फ कागज़ों में।
"सफेद हाथी" बन चुकीं योजनाएं – जनता प्यास से बेहाल।
टेंडर में खेल, पाइप में झोल!
नियमों को किया गया ताक पर, टेंडर उठा ‘मिला-जुला मुनाफा’।
ठेकेदार + अफसर + कुछ जनप्रतिनिधि = गठजोड़ की गारंटी!
काम अधूरे, भुगतान पूरा – खेल साफ है!
अब दिल्ली से टीम आएगी – जमीन पर उतरेगी सच्चाई!
लगातार मिल रही शिकायतों के बाद केंद्र की हाईलेवल टीम धमतरी, कुरूद, नगरी का दौरा करने आ रही है।
जांच का मतलब: पर्दाफाश तय, चेहरे बेनकाब!
दयाराम साहू की हुंकार – "सबूतों के ढेर लेकर मैदान में उतरूंगा!"
"हर गांव की तस्वीर, हर टंकी की सच्चाई दिखाऊंगा।
पवित्र योजना को जिन लोगों ने कलंकित किया, अब उनका पर्दाफाश होगा!"
"पूरी से लिमतरा – घोटाले का सीधा हाईवे!" – राजेंद्र शर्मा का बयान बम
"सड़कें टूटी, नल गायब, पानी गायब – पर बजट हज़म!
पुरानी पाइपलाइन को नया दिखाकर लूटा पैसा। यह सिर्फ लूट नहीं, ये जनधन की हत्या है!"
पिंटू यादव का ऐलान – "अब आंदोलन होगा, नाटक नहीं!"
"जनप्रतिनिधियों का संयुक्त मंच बनेगा।
घोटालेबाज़ों के खिलाफ आवाज़ गूंजेगी – विधानसभा से लेकर सड़कों तक!"
“मिशन नहीं, मनी मशीन बना दिया!” – पार्षद कुलेश सोनी
"जिनके जिम्मे पानी पहुंचाना था, उन्होंने नोट बहा दिए।
जल जीवन मिशन को बना दिया ‘भ्रष्टाचार मिशन’ – शर्मनाक!"
गीतेश्वरी साहू की चेतावनी – "अब सीधा CBI-ED से टक्कर!"
"जनपद की अगली सभा में पास होगा प्रस्ताव।
जांच सीधी CBI और आर्थिक अपराध ब्यूरो को सौंपी जाए – कोई बख्शा न जाए!"
आख़िरी बात: अब पानी नहीं बहेगा... बहेगा सियासी तूफान एक्सक्लूजीव की रिपोर्ट ने खोली पोल, अब जनता इंतजार कर रही है –
"कब तक बचे रहेंगे वो जो प्यासे गांवों के गुनहगार हैं?"