धमतरी, छत्तीसगढ़:
धमतरी पुलिस ने एक बार फिर अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाते हुए तीन अलग-अलग स्थानों से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में लगभग 5.10 लाख की ज़ब्ती की गई जिसमें बोलेरो गाड़ी, देशी-अंग्रेज़ी शराब और नक़द रकम शामिल है।
🔹 छोटे तस्कर, बड़ी गाड़ी
थाना सिहावा की टीम ने सूचना के आधार पर बोलेरो वाहन को पकड़ा, जिसमें 10 बॉटल अंग्रेज़ी शराब (7,000/-) पाई गई।
गिरफ़्तार आरोपी:
- रिंकू मरकाम (25 वर्ष)
- आशाराम मरकाम (24 वर्ष) – आमाडीह, थाना विश्रामपुरी के निवासी।
🔹 गांवों में खुलेआम बिक्री
- मगरलोड थाना क्षेत्र में भुनेश्वर निषाद (51) को सामुदायिक भवन के पास शराब बेचते पकड़ा गया।
- रूद्री क्षेत्र में तिलेश्वरी बाई (33) को घरेलू स्तर पर देशी शराब बेचते रंगे हाथों पकड़ा गया।
👉 इन सभी पर आबकारी एक्ट की धाराएं 34(2) और 34(1)(ख) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
❓ अब सवाल ये उठता है...
छोटे माफिया, जिनके पास 10 हज़ार की शराब और 240 रुपये की बिक्री रकम है, वो हर बार पुलिस की गिरफ्त में आ जाते हैं...
लेकिन जिनके पास करोड़ों का नेटवर्क है — बड़े सप्लायर, गोदाम मालिक, और उनके संरक्षक — क्या वो कानून से ऊपर हैं?
धमतरी पुलिस का अभियान सराहनीय है, लेकिन क्या असली जड़ पर वार होगा?
क्या शराब माफिया की बड़ी मछलियां भी कभी पुलिस के जाल में आएंगी?
"शराब का धंधा रुकेगा कब? जब जड़ पर चलेगी कार्रवाई..."