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“मोथा” का कहर…! बंगाल की खाड़ी से उठ रहा तूफ़ान अब छत्तीसगढ़ की ओर – अगले 72 घंटे तक मौसम रहेगा बेक़ाबू!

रायपुर, 26 अक्टूबर..... चक्रवात मोथा ने दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ के मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल दिया है..... राजधानी रायपुर में बीती रात से झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है — कभी रुक-रुक कर, तो कभी मूसलाधार बरसात के साथ...... आज दोपहर जयस्तंभ चौक के आसपास बादलों ने जैसे आसमान फाड़ दिया हो, वहीं रायगढ़ में भी तगड़ी बारिश हुई..... मौसम विभाग के मुताबिक यह दौर यहीं नहीं थमेगा — अगले तीन से पाँच दिन तक बादल और बरसात का खेल जारी रहेगा।


 भारी बारिश और तूफ़ानी हवाओं का अलर्ट

28 अक्टूबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई इलाक़ों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है...... वहीं कुछ जगहों पर सीमांत भारी वर्षा की भी संभावना जताई गई है।

 29 अक्टूबर को मध्य छत्तीसगढ़ के जिलों में भी भारी से अति भारी बारिश की आशंका है।

तेज़ हवाओं का भी खतरा बड़ा है —

  • 28 अक्टूबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ में 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफ़ानी हवाएं चल सकती हैं।
  • 29 अक्टूबर को मध्य और दक्षिण जिलों में 50 से 70 किमी प्रति घंटे तक की हवाएं चलने की संभावना है।

 सिनोप्टिक सिस्टम का हाल

दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव का क्षेत्र अब गहरे दबाव में तब्दील हो चुका है..... आज सुबह 5:30 बजे यह सिस्टम 11.3° उत्तर और 87.0° पूर्व अक्षांश पर केंद्रित था —
  पोर्ट ब्लेयर से लगभग 620 किमी पश्चिम,
  चेन्नई से 770 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व,
  विशाखापत्तनम से 820 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व,
  और गोपालपुर से 920 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व की दूरी पर।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 24 घंटों में यह सिस्टम चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और 28 अक्टूबर की सुबह तक भीषण चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।


 संभावित मार्ग और खतरा

“मोथा” तूफ़ान उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए 28 अक्टूबर की शाम या रात में मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट से टकरा सकता है....
उस वक़्त हवाओं की रफ़्तार 90 से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है — यानी तबाही मचाने की पूरी ताक़त लिए हुए।


  आम जनता के लिए चेतावनी

“मोथा” का यह तूफ़ान सिर्फ़ समुद्र का नहीं — बल्कि ज़मीन पर तबाही का इशारा भी दे रहा है...... बारिश, हवाएं और बादलों की गड़गड़ाहट आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के आसमान को बेचैन बनाए रखेंगी… मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक रूप से यात्रा न करें, पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें, और ग्रामीण इलाक़ों में नदी-नालों के पास न जाएं..... प्रशासन ने भी आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट मोड पर रखा है।




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