Breaking News

"धमतरी का ‘काला कोना’...! लाज के नाम पर बे-लाज धंधा!"

धमतरी। शहर के बीचों-बीच, बस स्टैंड के पास एक ऐसा लॉज चल रहा है, जहाँ दिन हो या रात अनैतिक कामों का खुला बाज़ार सजता है। नाम "लॉज" का, पर काम "ग़ैरक़ानूनी कारोबार" का। सवाल ये कि — किसकी शह पर चल रहा है ये बे-लाज खेल? जहाँ नियम-कायदे होने चाहिए थे, वहाँ सब दरकिनार हैं।

ना पुलिस की नज़र, ना प्रशासन की पकड़।
लोग कहते हैं — “यहाँ सबको मालूम है, पर कोई बोलता नहीं!”
लीज़ पर मिली ज़मीन, जिस पर लॉज की परमिशन मिली, वहाँ अब शक़ी हरकतें आम हैं।
कानून की किताब कहती है — सार्वजनिक जगहों पर ऐसे काम सख़्त मना हैं। मगर यहाँ तो लगता है, जैसे कानून को भी रिश्वत खिला दी गई हो!

रात ढलते ही लॉज की लाइटें जल उठती हैं,
और शुरू हो जाता है ‘मखमली गुनाहों’ का खेल
रहवासी परेशान हैं, पर डर के मारे चुप।
पास के दुकानदार कहते हैं — “साहब, कई बार शिकायत हुई, मगर कार्रवाई नहीं... लगता है ऊपर तक हाथ है।”

अब सवाल उठता है —
 किस अधिकारी की इजाज़त से ये ग़ैरक़ानूनी कारोबार चल रहा है?
 लीज़ की ज़मीन पर लॉज बनाने की मंज़ूरी किस नियम से मिली?
 कानून की आँखें इस कोने में क्यों बंद हैं?

धमतरी का ये रहस्यमयी लॉज अब शहर की चर्चा का केंद्र बन चुका है।
जनता उम्मीद कर रही है कि — प्रशासन नींद से जागे, और इस ‘लॉज के नाम पर चल रहे गुनाहख़ाने’ पर सख़्त कार्रवाई करे।

  कहानी सिर्फ एक लॉज की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की है, जो सब जानकर भी अनजान बना बैठा है...!

Show comments
Hide comments
Cancel