पूरे छत्तीसगढ़ मे इन दिनों सचिव अपनी एकसूत्री माँग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इसी सिलसिले में धमतरी ज़िले में भी 315 सचिवों के हड़ताल पर जाने से सरकारी कामकाज बुरी तरह मुतास्सिर हो रहा है। इस सूरते-हाल को देखते हुए पंचायत संचालनालय, छत्तीसगढ़ ने सचिवों को 24 घंटे के अंदर ड्यूटी पर लौटने का हुक्म दिया है। हुक्मनामे में सख़्त चेतावनी दी गई है कि अगर सचिव तयशुदा मुद्दत में काम पर नहीं लौटते, तो उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
हालाँकि, सरकार के इस फैसले का सचिवों ने सख़्त एहतिजाज किया। धमतरी में हड़ताली सचिवों ने हुक्मनामे की नक़ल जलाकर अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर किया और हुकूमत के फैसले को मुस्तरद कर दिया। उनका कहना है कि जब तक उनकी माँगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
क्या हैं सचिवों की माँग ?
सचिवों का यह एहतेजाज उनकी एकसूत्री माँग को लेकर जारी है, जिसमें वे स्थायी नौकरी की माँग कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे मुद्दतों से ग़ैर-यक़ीनी हालत में काम कर रहे हैं, लेकिन हुकूमत उनकी माँगों पर कोई तवज्जोह नहीं दे रही। उनका इल्ज़ाम है कि बार-बार यक़ीन दिलाने के बावजूद कोई ठोस फ़ैसला नहीं लिया गया, जिससे मजबूरन उन्हें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा।
प्रशासन की परेशानी बड़ी
सचिवों की हड़ताल की वजह से देहाती तरक़्क़ी से जुड़े कई अहम काम ठप्प हो गए हैं। ग्राम पंचायतों में पैदाइश-मौत के सर्टिफिकेट जारी करने से लेकर पेंशन, मनरेगा की अदायगी, राशन कार्ड और दीगर सरकारी स्कीमें बुरी तरह मुतास्सिर हो रही है
अब देखना दिलचस्प होगा कि हुकूमत सचिवों की ज़िद के सामने झुकती है या फिर किसी सख़्त क़दम का एलान करती है। फ़िलहाल, दोनों के दरमियान जारी टकराव देहाती निज़ाम को पूरी तरह ठप करता जा रहा है।