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नगर निगम में नियमों की अनदेखी, 10 दिन बाद भी एमआईसी गठन अधूरा

नगर निगम धमतरी में नगर पालिका अधिनियम की धारा 18 के तहत महापौर इन काउंसिल (एमआईसी) का गठन सात दिनों के भीतर किया जाना अनिवार्य है। लेकिन नगर निगम प्रशासन द्वारा इस अहम प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए अब तक एमआईसी का गठन नहीं किया गया है। नियमों के उल्लंघन से शहर के प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ रहा है और जनता के अहम मसले अधर में लटके हुए हैं।

शहर की तरक्की पर असर, फैसलों में हो रही देरी

एमआईसी के गठन में देरी का सीधा असर शहर की तरक्की और विकास कार्यों पर पड़ रहा है। इस काउंसिल के बिना नगर निगम के महत्वपूर्ण फैसले नहीं लिए जा सकते, जिससे जनहित से जुड़े कई मसले अटके हुए हैं। सफाई, जल आपूर्ति, सड़क निर्माण और नगर विकास जैसी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। जनता भी इस मामले में जवाबदेही चाहती है कि आखिर कब तक नगर निगम की यह लापरवाही जारी रहेगी।

अधिवक्ता राकेश दीवान की राय: नियमों का उल्लंघन लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ


इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश दीवान ने कहा कि "नगर निगम अधिनियम के अनुसार, अध्यक्ष और स्पीकर के निर्वाचन के सात दिनों के भीतर एमआईसी का गठन किया जाना अनिवार्य है। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो यह कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है और लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए नुकसानदायक है। एमआईसी के बिना नगर निगम में नीतिगत फैसले प्रभावित होते हैं, जिससे शहर का विकास बाधित होता है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस दिशा में उचित कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा नागरिकों को कानूनी विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है।"

जनता ने उठाए सवाल, नगर निगम प्रशासन की खामोशी

शहर की अवाम अब नगर निगम प्रशासन से जवाब मांग रही है कि एमआईसी का गठन अब तक क्यों नहीं हुआ? क्या इसके पीछे राजनीतिक खींचतान है या प्रशासनिक सुस्ती? हालांकि, नगर निगम अधिकारियों की तरफ से अब तक इस देरी को लेकर कोई वाजिब वजह नहीं बताई गई है। जनता को उम्मीद है कि जल्द ही नगर निगम अपने फराइज़ को निभाते हुए एमआईसी का गठन करेगा ताकि शहर के विकास कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकें।

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