जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस विधायकों ने अपनी जोरदार आवाज में ईडी की कार्रवाई को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की जा रही है। सदन में नारेबाजी के दौरान विपक्षी दल के विधायक भी एकजुट नजर आए। कांग्रेस विधायकों ने ईडी की कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए उसे तत्काल रोके जाने की मांग की।
लगातार हंगामे और नारेबाजी के चलते प्रश्नकाल बाधित होता रहा। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों से शांत रहने और कार्यवाही में शामिल होने की अपील की लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। इस बीच कांग्रेस विधायक वेल में आकर जोरदार नारेबाजी करने लगे।
स्थिति बिगड़ती देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा शांत नहीं हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के सभी प्रदर्शनकारी विधायकों को निलंबित करने का आदेश सुना दिया।
इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्रवाई जनता की आवाज को दबाने की साजिश है और ईडी का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया जा रहा है।
फिलहाल, सदन में कांग्रेस विधायकों के निलंबन के बाद तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है और कार्यवाही प्रभावित हो चुकी है। विधानसभा परिसर के बाहर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन जारी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या रुख अपनाया जाता है।