कोलियरी से जोरातराई तक बनने वाली 32 किलोमीटर लंबी सड़क पर घटिया निर्माण कार्य ने ग्रामीणों की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं। बारिश और आंधी-तूफान के बाद सड़क का हाल इतना बदतर हो गया कि जगह-जगह कीचड़ और रुकावटों ने जीवन की रफ्तार थाम दी।
मुख्य घटनाएं:
-
स्थान: कलारतराई गांव
स्थिति: निर्माणाधीन पुल के पास डायवर्सन सड़क पर गड्ढों में गिरे लोग, भारी जाम। -
स्थान: ग्राम दर्री
स्थिति: तूफान में पेड़ गिरा, पक्की सड़क दोनों ओर से बंद, 6 घंटे तक रास्ता बंद रहा।
ग्रामीणों की शिकायतें:
- ठेकेदार की लापरवाही: बार-बार सूचना देने के बावजूद सड़क मरम्मत या सुधार का कोई प्रयास नहीं।
- गुणवत्ता पर सवाल: मिट्टी से भरे जाने के बाद कोई मजबूतीकरण नहीं किया गया।
- भारी वाहनों की आवाजाही: रोज़ सैकड़ों ट्रक और हाइवा गुजरते हैं, जिससे सड़क के जल्दी टूटने की आशंका।
- प्रशासन की चुप्पी: अफसर और जनप्रतिनिधि मौन, जनता में नाराज़गी।
ग्रामीणों का दर्द, बढ़ता आक्रोश:
"अब तो हल्की बारिश में ही सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है। मूसलधार बारिश में क्या होगा? गांव पूरी तरह से कट जाएगा।"
— राजेश यादव, ग्रामीण निवासी
"ठेकेदार की मनमानी और अफसरों की चुप्पी की वजह से हम लोग फँसते जा रहे हैं। जल्द सुधार नहीं हुआ तो प्रदर्शन होगा।"
— रीना साहू, महिला किसान
संभावित असर:
- जन आंदोलन: जल्द ही ग्रामीण विरोध प्रदर्शन या चक्काजाम कर सकते हैं।
- बाढ़ के समय जोखिम: सड़क कीचड़ से भरकर असुरक्षित हो जाएगी, जिससे आपातकालीन सेवाओं का पहुंचना भी मुश्किल होगा।