Breaking News

प्राकृतिक हुस्न को निखारने की मुहीम, जिले मे इको टूरिजम की शुरुआत के संकेत, कलेक्टर की अगुवाई मे हुआ मुआयना


जिले में इको टूरिज्म और नेचरल कंज़र्वेशन को बढ़ावा देने के मक़सद से आज कलेक्टर अविनाश मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव, डीएफओ कृष्णा जाधव और दीगर अधिकारी फूटाहामुड़ा, थेमिली टापू और लहसुनवाही नर्सरी के दौरे पर पहुँचे।


इको टूरिज्म के लिए जगहों का मुआयना

कलेक्टर और टीम ने इन इलाक़ों का तफ़सीली जायज़ा लिया और इन जगहों को इको फ्रेंडली टूरिज्म प्लेस में बदलने की गुंजाइश पर बातचीत की। कलेक्टर ने कहा कि अगर सही प्लानिंग के साथ इन क्षेत्रों को डेवलप किया जाए तो ये ना सिर्फ़ नेचरल हबीटैट को महफ़ूज़ रखेंगे, बल्कि यहाँ आने वाले माइग्रेटरी बर्ड्स की वापसी भी मुमकिन होगी।

लहसुनवाही नर्सरी में बटरफ्लाई जोन की तजवीज़

दौरे के दौरान कलेक्टर मिश्रा ने लहसुनवाही नर्सरी का भी दौरा किया और वहाँ बटरफ्लाई ज़ोन और इको टूरिज्म से जुड़ा एक छोटा सा नेचरल एरिया बनाने का प्लान बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट्स न सिर्फ़ बच्चों और टूरिस्ट्स को एजुकेट करेंगे बल्कि इलाके की फिज़ा को भी खुशगवार बनाएंगे।

परिंदों के घोंसलों और अंडों का देखा नज़ारा

इंस्पेक्शन के दौरान अफसरों ने उन जगहों को भी देखा जहाँ ज़मीन पर घोंसले बनाने वाले परिंदे रहते हैं। उन्होंने बड़ी दिलचस्पी के साथ उनके घोंसले और अंडों को देखा, और नैचरल लाइफ के साथ ताल्लुक को और मज़बूत करने की बात कही।

स्थानीय लोगों की भागीदारी ज़रूरी

कलेक्टर मिश्रा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इको टूरिज्म के हर प्रोजेक्ट में लोकल अवाम की हिस्सेदारी बहुत ज़रूरी है। जब लोग ख़ुद अपने इर्द-गिर्द की नेचर और एनवायरमेंट को समझेंगे और संजीदगी से उस पर काम करेंगे, तभी ऐसे प्रोजेक्ट्स लम्बे वक़्त तक कामयाब रहेंगे।

इस तरह की कोशिशों से न सिर्फ़ जिले को एक नई पहचान मिलेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण और तरक्की के दरमियान एक खूबसूरत बैलेंस भी बनेगा।

Show comments
Hide comments
Cancel