धमतरी जिले में इम्तिहान के दौरान नकल का बड़ा मामला सामने आया है। इसका CCTV फुटेज वायरल हो गया है, जिससे पूरे इलाके में हलचल मच गई है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि इम्तिहान प्रभारी खुद नकल करवाने में शामिल हैं। बाकायदा रुपये इकट्ठा कर छात्रों को नकल की सहूलियत दी जा रही है। मोबाइल और दूसरे गैरकानूनी तरीकों से खुलेआम नकल करवाई जा रही है। यह सब उस तालीमी संस्थान में हो रहा है, जहां से मुल्क का भविष्य तय करने वाले निकलते हैं।
नकल कराते वीडियो
जब जिम्मेदार ही नकल कराएं, तो इमानदारी कौन सिखाएगा ?
यह मामला हमारे तालीमी निज़ाम और इम्तिहान के उसूलों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। इम्तिहान का मकसद छात्रों की बौद्धिक काबिलियत को परखना होता है, मगर जब खुद परीक्षा कराने वाले ही इसमें बेईमानी करें, तो फिर मेहनत और सच्चाई की तालीम कौन देगा ? तालीम सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि मेहनत, सच्चाई और ईमानदारी से मिलती है। अगर नकल को ऐसे ही बढ़ावा दिया जाता रहा, तो आने वाली नस्ल गलत रास्ते पर चली जाएगी।
ऐसे बनेगा देश का भविष्य या बर्बाद होगा तालीमी निज़ाम ?
अब यह देखना होगा कि इस मामले में जिम्मेदार अफसर क्या कार्रवाई करते हैं। क्या दोषियों को सज़ा मिलेगी या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगा ? अगर सही कदम न उठाए गए, तो इससे तालीम का दर्जा और भी गिर जाएगा। मेहनत करने वाले छात्रों के हक पर डाका डाला जाएगा और समाज में काबिलियत से ज्यादा चालाकी को अहमियत दी जाने लगेगी। इस तरह के मामले तालीम के बुनियादी उसूलों को कमजोर करते हैं। अब वक्त आ गया है कि इस ग़लत रवैये को रोका जाए और मुल्क के भविष्य को बचाया जाए।