नेशनल हाइवे 30 पर बीरेझर चौकी के पास सुबह-सुबह अचानक ज़ोरदार धमाके की आवाज़ आई—टैंकर का टायर फटा... और अगले ही पल बेकाबू टैंकर सन्नाटे को चीरता हुआ सड़क किनारे पलट गया!
टैंकर में भरा था Highly Flammable डीज़ल!
टकराते ही डीज़ल सड़क पर बहने लगा और फिर... बस एक चिंगारी लगी... और पूरा टैंकर बन गया आग का दरिया!
लपटें इतनी तेज़ थीं कि ड्राइवर और क्लीनर वहीं फँस गए! चीखों से गूंज उठा हाइवे... लेकिन सलाम है वहाँ मौजूद लोगों और पुलिस की हिम्मत को—आग के बीच से दोनों को खींचकर निकाला गया!
तत्काल एम्बुलेंस बुलाई गई, दोनों घायलों को जलते शरीर के साथ रायपुर अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां जिंदगी और मौत के बीच जंग जारी है।
दमकल की टीमें आग से जूझती रहीं, और आखिरकार कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। हाइवे की रफ्तार जो थम गई थी, अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है।
"एक टायर की आवाज़... और सब कुछ जलकर रह गया राख!"
किस्मत थी जो मौत के मुंह से निकले—but ये हादसा छोड़ गया जलती हुई यादें, और सबक की एक तेज़ लपट।