कुरूद/धमतरी — बीती रात कुरूद शहर की रूह कांप गई, जब माँ चंडी मंदिर में चोरों ने घुसकर श्रद्धा, आस्था और भरोसे को लूट लिया। माँ के सोने के आभूषण, चांदी की पादुका, और दान पेटी को चोरों ने निशाना बनाया — और अफ़सोस ये कि मंदिर पुलिस थाने से महज 200 मीटर दूर है।
चोरों ने मंदिर के गर्भगृह में दाख़िल होकर माँ के मुकुट, हार, बिंदिया, कुंडल तक को उतार लिया — जैसे उन्हें किसी का डर ही न हो। लोग पूछ रहे हैं:
“अगर माँ की पायल तक महफूज़ नहीं, तो आम इंसान का क्या होगा?”
पुलिस सिर्फ कागज़ों में सक्रिय, चोर हकीकत में आज़ाद!
बीते कुछ हफ़्तों में 6 मंदिरों में चोरी हो चुकी, लेकिन न कोई गिरफ़्तारी, न कोई ठोस सुराग।
लोगों का सब्र अब जवाब दे रहा है।
मंदिर के पुजारी से लेकर मोहल्ले के बच्चे तक एक ही बात कह रहे हैं:
"जिस माँ के लिए हर नवरात्र में शहर उमड़ पड़ता है, आज उसी माँ की रक्षा करने वाला कोई नहीं!"
पुलिस और प्रशासन के रवैये पर अब जनता का विश्वास डगमगाने लगा है।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, बयान लिए जा रहे हैं —
लेकिन लोग चीख रहे हैं:
"हमें कार्रवाई नहीं, नतीजा चाहिए… इंसाफ चाहिए!"
ये सिर्फ चोरी नहीं — ये उस विश्वास की हत्या है, जो लोगों ने मंदिरों और सिस्टम दोनों पर किया था।
अब सवाल यही है:
क्या चोरों को सज़ा मिलेगी या ये मामला भी फ़ाइलों में दफ़न हो जाएगा?
क्या माँ चंडी के आंसू पोछे जाएंगे या फिर श्रद्धालु सिर्फ मोमबत्ती जलाते रह जाएंगे?