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"रेत की लूट पर सड़क का शोर! धमतरी में ट्रैक्टर यूनियन की बगावत, पुल पर जाम, जनता की सांसे रुकी - अफसरों से सीधी टक्कर!"


  • ट्रैक्टर यूनियन की हुंकार—"हम पर कार्रवाई क्यों?"
  • गर्म सड़क पर फंसे मासूम, बुज़ुर्ग और बीमार—कहीं चीख, कहीं चुप्पी
  • प्रशासन ने कहा—"कानून तोड़ोगे तो कार्रवाई होगी, चाहे कोई भी हो"
  • पुल के नीचे बह रही रेत… ऊपर बहकता ग़ुस्सा!

धमतरी की सड़कों ने शनिवार को एक बार फिर बेचैनी देखी… तेज़ धूप, जाम में फंसी गाड़ियाँ, बच्चों के चेहरे पर घबराहट और ट्रैक्टरों पर खड़े लोग—जो प्रशासन से टकराने की तैयारी में थे। वजह थी—अवैध रेत सप्लाई पर की जा रही कार्रवाई।

पुल के पास से ट्रैक्टरों के ज़रिए रेत निकासी पर प्रतिबंध है, मगर फिर भी मनमानी जारी थी। जब अधिकारियों ने शिकायते सुनकर कार्रवाई की, तो ट्रैक्टर यूनियन भड़क उठी और चक्का जाम कर सड़क पर उतर आई।

इस चक्काजाम ने पूरे शहर की रफ्तार रोक दी। बीमारों की एंबुलेंस जाम में फँसी रही, स्कूल से लौटते बच्चे धूप में तड़पते रहे, राहगीरों के चेहरों पर सिर्फ़ परेशानी थी… लेकिन प्रदर्शनकारियों का ग़ुस्सा थम नहीं रहा था।

अंत में, SDM, DSP, तहसीलदार और पुलिस बल पहुंचे और मान-मनौव्वल के बाद सख्ती दिखाई गई। घंटों बाद रास्ता खुला और लोगों की सांसें लौटीं।

प्रशासन ने साफ़ कर दिया है—रेत माफिया या कोई भी, कानून से ऊपर नहीं। अब हर मनमानी पर होगी सीधी कार्रवाई।
ये लड़ाई सिर्फ रेत की नहीं, व्यवस्था और ज़िम्मेदारी की है।



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