नगर निगम धमतरी में बुधवार को बजट सत्र के दौरान महापौर रामू जगदीश रोहरा ने ₹52 लाख रुपये का लाभ वाला बजट पेश किया। महापौर को यह ज़िम्मेदारी संभाले अभी सिर्फ डेढ़ महीना ही हुआ है, और ऐसे में ये बजट उनके लिए एक अग्निपरीक्षा से कम नहीं था।
प्रश्नकाल में उठा शहर की बदहाली का मुद्दा
बजट से पहले एक घंटे चला प्रश्नकाल, जिसमें विपक्षी पार्षदों ने सड़कों की जर्जर हालत, बेसुध ड्रेनेज सिस्टम, और कचरा प्रबंधन में लापरवाही को लेकर निगम को घेरा। सदन में हंगामा और सवालों की बौछार रही, जिससे माहौल गरमा गया।
एक पार्षद ने कहा,
"अगर लाभ हो रहा है, तो वो नालों में क्यों नहीं दिखता?
मोहल्लों में बदबू और गंदगी है, लोग परेशान हैं।"
विकास कार्यों का दावा: नालंदा परिसर और बस स्टैंड जैसे प्रोजेक्ट शामिल
महापौर रोहरा ने बजट में जिन प्रमुख विकास योजनाओं को शामिल किया, उनमें मुख्य हैं:
- नालंदा परिसर का विस्तार और सौंदर्यीकरण
- बस स्टैंड का जीर्णोद्धार (Renovation), यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं
- वार्डों में स्ट्रीट लाइट सुधार,
- सीवरेज लाइन सुधार परियोजना,
- और डिजिटल नगर सेवा केंद्रों की स्थापना
उन्होंने कहा,
“हमारा लक्ष्य है कि शहर को साफ-सुथरा, सुव्यवस्थित और स्मार्ट बनाया जाए। जो कार्य अधूरे हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।”
जनता की नज़रें: लाभ का पैसा ज़मीन पर उतरेगा या नहीं?
भले ही निगम का बजट लाभ में है, लेकिन जनता अब सिर्फ रिपोर्ट नहीं, परिणाम देखना चाहती है।
लोगों का सीधा सवाल है —
"क्या इस बार वाकई बस स्टैंड चमकेगा?
क्या नालंदा परिसर फिर से ज्ञान का केंद्र बनेगा,
या फिर सब कुछ सिर्फ काग़ज़ पर ही सिमट जाएगा?"
निगाहें अब काम पर होंगी
सदन में बजट तो पास हो गया, पर असल परीक्षा अब महापौर और निगम की कार्यान्वयन क्षमता की है।
आम जनता अब देखना चाहती है कि
"क्या ये लाभ वाला बजट, शहर को राहत भी देगा?"