धमतरी के नगर निगम में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पार्षद निधि के नाम पर लाखो रुपये पास हुए, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। इसके बावजूद ठेकेदार ने पूरा पैसा निकाल लिया।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि जिस पार्षद के नाम पर ये निधि पास हुई थी, उसे ठेकेदार ने गिफ्ट के तौर पर एक Activa स्कूटर दे दिया – ताकि वो सवाल ना उठाए।
ये मामला सीधा-सीधा गड़बड़ी का है।
इसमें कुछ अफसरों की भी मिलीभगत बताई जा रही है। यानि सारा काम पहले से तय था – पैसा निकलेगा, काम नहीं होगा, और गाड़ी दे दी जाएगी चुप कराने के लिए।
अब सवाल ये हैं:
- बिना काम के पेमेंट कैसे हो गया?
- गिफ्ट मे एक्टिवा क्यों दी गई?
- क्या अफसर भी इसमें शामिल हैं?
मामला एक गलत काम का है, जिसमें सरकारी पैसा जनता की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने फायदे के लिए इस्तेमाल हुआ है। जनप्रतिनिधि को गाड़ी देना ये दिखाता है कि सब कुछ चुप रहने के बदले में हुआ।
अब निगाहें हैं मेयर रामू रोहरा पर, जिनका वादा था – "ना खाऊँगा, ना खाने दूँगा।"
अब लोग पूछ रहे हैं – क्या वो वाकई कुछ करेंगे या ये मामला भी दब जाएगा?
ये घोटाला सिर्फ पैसों का नहीं, भरोसे का है। अब देखना है कि क्या सच्ची जांच होगी और जो लोग दोषी हैं, उन्हें सज़ा मिलेगी या नहीं।